अहमदाबाद प्लेन क्रैश 2025: बोइंग 787 दुर्घटना की ताजा जानकारी

अहमदाबाद में एयर इंडिया बोइंग 787 ड्रीमलाइनर क्रैश: ताज़ा जानकारी 

अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रैश 2025
Ahamdabad plane crash 2025

प्लेन हादसे में अपनी जान गंवाने वाले सभी यात्रियों को विनम्र श्रद्धांजलि भगवान उनकी आत्मा को शांति दें। इस भयानक दुघटना से हर कोई स्तब्ध रह गया है जिन लोगों ने अपनी जाने गंवाई उनके घरवालों पे क्या बीत रही होगी। भगवान उन्हें भी इस कठिन घड़ी से उबरने में हिम्मत दें। आइए जानते हैं इस हादसे में अंतर मिली जानकारी के मुताबिक क्या क्या चीजें सामने आई हैं।

दुर्घटना की तारीख: 12 जून 2025 दिन बृहस्पतिवार 
स्थान: अहमदाबाद, गुजरात

✈️ घटना का विवरण

  • एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, बोइंग 787‑8 ड्रीमलाइनर प्लेन, अहमदाबाद से लंदन गेट वे के लिए उड़ान भर रही थी।
  • उड़ान के कुछ ही सेकंड बाद – लगभग 17–33 सेकंड – विमान ने अपना नियंत्रण खो दिया और बी.जे. मेडिकल कॉलेज हॉस्टल के ऊपर क्रैश कर गया। जिससे विमान के अंदर बैठे सभी यात्रियों की तत्काल मौके पर ही मृत्यु हो गई जिसमें से केवल एक आदमी ही बच पाया।
  • प्लेन में विस्फोट होने की वजह से ईंधन की तीव्र अग्नि ने विमान और आसपास की इमारतों को तहस-नहस कर दिया।जिससे बहुत ही भारी नुकसान हुआ।
  • मौके पर पहुंचे आसपास के लोगों नेतुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया।

🔻 जनहानि और बचाव कार्य

  • कुल यात्रियों और चालक दल की संख्या 242 थी, जिनमें 169 भारतीय और 61 अन्य नागरिक मौजूद थे।
  • उन सभी यात्रियों में केवल एक यात्री,जो कि ब्रिटिश–भारतीय वंश के नागरिक Viswash kumar Ramesh हैं। तथा जो सीट नंबर (11A) पर बैठे थे। केवल उन्हीं की ही जान बच पाई है।
  • विमान के अलावा, हॉस्टल में कम से कम 30 नागरिकों की मृत्यु हुई है जिनमे डॉक्टर्स, इंटर्न, मेडिकल के छात्र तथा अन्य लोग भी शामिल हैं।
  • फायर ब्रिगेड, NDRF, CISF, BSF, CRPF और स्थानीय टीमें घटना स्थल पर तुरंत पहुंचीं और भारी रेस्क्यू मिशन चलाया गया और और उसे घटना से होने वाले भारी नुकसान को रोका जा सका।

🧠 जांच की प्रगति

  • दुर्घटना के दौरान जांच के बाद मिले दो “ब्लैक बॉक्स” (Flight Data Recorder और Cockpit Voice Recorder) दोनों बरामद किए गए हैं, अब इनकी रिकॉर्डिंग का विश्लेषण चल रहा है और पता लगाया लगाया जा रहा है की आखिर हुआ क्या था।
  • Wall Street Journal की रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना के समय Boeing का EMERGENCY POWER सिस्टम (RAT) सक्रिय था, जिससे संकेत मिलता है कि इंजन स्वयं काम बंद कर चुके थे।
  • DGCA और AAIB-UK के साथ Boeing व GE Aerospace दोनों जांच एजेंसियां इस जांच मिशन में शामिल हैं। जबकि Dreamliner विमान में तकनीकी कोई बड़ी खराबी नहीं मिली है, लेकिन विमान मेंटेनेंस जांच जारी है।

🕊️ मानवीय पहलू

  • पायलट Capt. Sumeet Sabharwal जिन्हें (8,200 घंटे का अनुभव) था, ने MAYDAY कॉल किया और संभवतः हॉस्टल से बचाने की कोशिश की लेकिन अंततः इस दुर्घटना से बचाने में असफल रहे। उनकी इस ‘हीरो भूमिका’ को सम्मान स्वरूप याद किया जा रहा है।
  • राजकोट के MBBS छात्र Parth Solanki ने घटना के दौरान हॉस्टल के छात्रों को कंबल से बचाने का प्रयास किया और बहादुरी से मदद की।
  • राहत कार्य काफ़ी कठिन था—एक प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता को ₹80,000 नकद, 70 तोला सोना और यात्री दस्तावेज मिले, जिन्हें सुरक्षित तरीके से जांच एजेंसी को सौंप दिया गया हैं।

🛫 एयर इंडिया और नियामक कार्रवाई

  • Air India ने दुर्घटना के बाद अपने Boeing 787 विमान की पूरी जाँच शुरू करा दी है और 66 उड़ानें Ground पर रोकी गईं—इसे सुरक्षा जांचों की वजह बताया गया है।
  • DGCA ने एयरलाइन्स के पायलट और डिस्पैचर के प्रशिक्षण रिकॉर्ड मांगे, और फ्लाईंग स्कूलों में ट्रेनिंग ऑडिट की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए हैं। जिससे भविष्य में होने वाले ऐसे खतरों को टाला जा सके।
  • राष्ट्रव्यापी हवाई अड्डों पर इमरजेंसी ड्रिल्स (जैसे 30 जून 2025 को) आयोजित करने का निर्देश दिया गया है ताकि अगर आगे ऐसी कोई दुर्घटना हो भी जाती है तो तुरंत उस स्थिति को संभाला जा सके।

✅ आगे क्या होगा?

  1. ब्लैक बॉक्स डेटा और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से मिली जानकारी से, इंजन / हाइड्रॉलिक / लैंडिंग गियर व फ्लैप्स की स्थिति समेत घटनाक्रम को तय करने में मदद मिलेगी।
  2. Boeing, GE Aerospace, DGCA और अंतरराष्ट्रीय विमानन जांच एजेंसियाँ विस्तृत तकनीकी जांच कर रही हैं।और इस दर्दनाक घटने का असली कारण जानने की कोशिश कर रही हैं।
  3. मौजूदा मेंटेनेंस और ट्रेनिंग प्रक्रिया को मजबूत बनाकर नियमित निरीक्षण और चालक दल का प्रशिक्षण और बढ़ाया जाएगा। 

📌 निष्कर्ष

यह एयर इंडिया का पहला Boeing 787 क्रैश है और यह भारत के इतिहास में सबसे भयंकर विमान दुर्घटनाओं में से एक है। एक यात्री के बचने के साथ-साथ पायलट की ‘हीरो भावना’ ने दिलों को झकझोर दिया है। लेकिन तकनीकी जाँच और मानव त्रुटि जांच लंबे समय तक चलेगी। ऐसे हादसों से सबक लेकर, वायुयान सुरक्षा मानक को और मजबूत करने की आवश्यकता है। ताकि भविष्य में मासूम लोगों की जान बचाई जा सके।

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